जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के Shiv chaisa घटवासी॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया